<p><img src=*https://www.sanjeevnitoday.com/resources/uploads/NEWALLNEWS/2020/13012021/the-real-government-is-running-those-who-tell-lies-to-the-pm--farmer-leader-gave-this-big-statement_431623.jpg* /> <p><strong>नई दिल्ली।</strong> तीनों कृषि कानूनों के खिलाफ किसान आंदोलन का आज 48वां दिन है। किसानों के इस शांत आंदोलन की ‘ताकत’ भी लगातार बढ़ती जा रही है। ठंड और बारिश की परवाह किए बिना हरियाणा, पंजाब, यूपी, राजस्थान समेत अन्य राज्यों से किसानों के जत्थे रसद के साथ लगातार धरनास्थल पर पहुंच रहे हैं। इस बीच संयुक्त किसान मोर्चा के प्रवक्ता राकेश टिकैत का बड़ा बयान आया है। </p>
<p>उन्होंने कहा कि असली सरकार कोई और है जो पीएम से झूठ बुलवाते हैं। असली सरकार से मिलने के लिए किसान दिल्ली के बॉर्डर पर है। साथ ही उन्होंने कहा कि संसद में जो सांसद हमारे विरोध में है उनका पोस्टर देश भर में और उनके संसदीय क्षेत्र में चिपकाया जाएगा। 26 जनवरी को देश में टैंक और ट्रेक्टर एक साथ चलेंगे। 2024 तक आंदोलन चलाना पड़े तो भी चलेगा। </p>
<p><img alt="On January 26 tanks and tractors will run together in the country Rakesh Tikait gave this big statement" src="https://www.sanjeevnitoday.com/resources/uploads/NEWALLNEWS/2020/13012021/on-january-26-tanks-and-tractors-will-run-together-in-the-country-rakesh-tikait-gave-this-big-statement_431591.jpg" /></p>
<p>टिकैत ने कहा कि किसान आंदोलन को देश भर से समर्थन मिल रहा है। किसान आंदोलन एक विचारधारा का आंदोलन है जिसे बंदूक से खत्म नहीं किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार से 9वें दौर की वार्ता हुई, लेकिन कोई फैसला नहीं हुआ। किसान बिल रद्द हो और आने वाले बिल नहीं लाया जाए। बिल वापसी नहीं तो घर वापसी नहीं। </p>
<p>राकेश टिकैत ने कहा कि दिल्ली के चारो तरफ 200 किलोमीटर दायरे में आंदोलन तेज है। आंदोलन दबाने की साजिश हुई तो 10 हजार की मौत होगी क्यों की किसान या तो जीतकर जाएगा या मरकर जाएगा। उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट हम गए नहीं। हमारा आंदोलन भारत सरकार के खिलाफ है। कोर्ट में हम गए नहीं, बाहरी जो लोग आंदोलन में घुसेंगे उसे इंटेलिजेंस और हम भी पकड़ेंगे। </p>
<p><img alt="The big statement of the farmer leader said The farmer will either win or die this is an ideological movement that cannot be finished" src="https://www.sanjeevnitoday.com/resources/uploads/NEWALLNEWS/2020/13012021/the-big-statement-of-the-farmer-leader-said--the-farmer-will-either-win-or-die-this-is-an-ideological-movement-that-cannot-be-finished_431605.jpg" /></p>
<p>गौरतलब है कि आंदोलनकारी किसान 28 नवंबर से यूपी गेट पर डेरा डाले हुए हैं और 3 दिसंबर से NH-9 के गाजियाबाद-दिल्ली कैरिजवे को भी बंद कर दिया है। इन किसानों की मांग तीनों कृषि कानूनों को रद्द करने और एमएसपी पर कानून बनाए जाने की है। इसके मद्देनजर दिल्ली की सीमाओं पर सुरक्षा बढ़ा दी गई है। सिंघु बॉर्डर पर भारी संख्या में सुरक्षा बलों को तैनात किया गया। सरकार के साथ किसानों की 8 दौर की वार्ता हो चुकी है मगर उसके बाद भी कोई हल नहीं निकला है। किसान किसी भी कीमत पर मानने को तैयार नहीं है।</p>
<p><strong>यह खबर भी पढ़े:</strong> Crime: लाठी डंडों से पीटकर बंजारे की निर्मम हत्या, घटना से मचा हड़कंप</p>
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नई दिल्ली। तीनों कृषि कानूनों के खिलाफ किसान आंदोलन का आज 48वां दिन है। किसानों के इस शांत आंदोलन की ‘ताकत’ भी लगातार बढ़ती जा रही है। ठंड और बारिश की परवाह किए बिना हरियाणा, पंजाब, यूपी, राजस्थान समेत अन्य राज्यों से किसानों के जत्थे रसद के साथ लगातार धरनास्थल पर पहुंच रहे हैं। इस बीच संयुक्त किसान मोर्चा के प्रवक्ता राकेश टिकैत का बड़ा बयान आया है।
उन्होंने कहा कि असली सरकार कोई और है जो पीएम से झूठ बुलवाते हैं। असली सरकार से मिलने के लिए किसान दिल्ली के बॉर्डर पर है। साथ ही उन्होंने कहा कि संसद में जो सांसद हमारे विरोध में है उनका पोस्टर देश भर में और उनके संसदीय क्षेत्र में चिपकाया जाएगा। 26 जनवरी को देश में टैंक और ट्रेक्टर एक साथ चलेंगे। 2024 तक आंदोलन चलाना पड़े तो भी चलेगा।

टिकैत ने कहा कि किसान आंदोलन को देश भर से समर्थन मिल रहा है। किसान आंदोलन एक विचारधारा का आंदोलन है जिसे बंदूक से खत्म नहीं किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार से 9वें दौर की वार्ता हुई, लेकिन कोई फैसला नहीं हुआ। किसान बिल रद्द हो और आने वाले बिल नहीं लाया जाए। बिल वापसी नहीं तो घर वापसी नहीं।
राकेश टिकैत ने कहा कि दिल्ली के चारो तरफ 200 किलोमीटर दायरे में आंदोलन तेज है। आंदोलन दबाने की साजिश हुई तो 10 हजार की मौत होगी क्यों की किसान या तो जीतकर जाएगा या मरकर जाएगा। उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट हम गए नहीं। हमारा आंदोलन भारत सरकार के खिलाफ है। कोर्ट में हम गए नहीं, बाहरी जो लोग आंदोलन में घुसेंगे उसे इंटेलिजेंस और हम भी पकड़ेंगे।

गौरतलब है कि आंदोलनकारी किसान 28 नवंबर से यूपी गेट पर डेरा डाले हुए हैं और 3 दिसंबर से NH-9 के गाजियाबाद-दिल्ली कैरिजवे को भी बंद कर दिया है। इन किसानों की मांग तीनों कृषि कानूनों को रद्द करने और एमएसपी पर कानून बनाए जाने की है। इसके मद्देनजर दिल्ली की सीमाओं पर सुरक्षा बढ़ा दी गई है। सिंघु बॉर्डर पर भारी संख्या में सुरक्षा बलों को तैनात किया गया। सरकार के साथ किसानों की 8 दौर की वार्ता हो चुकी है मगर उसके बाद भी कोई हल नहीं निकला है। किसान किसी भी कीमत पर मानने को तैयार नहीं है।
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