<p><img src=*https://www.sanjeevnitoday.com/resources/uploads/NEWALLNEWS/2020/13012021/another-big-announcement-by-farmers-said--on-january-18-women-will-protest-at-all-district-headquarters_431659.jpg* /> <p><strong>नई दिल्ली</strong>। तीनों कृषि कानूनों के खिलाफ किसान आंदोलन का आज 48वां दिन है। किसानों के इस शांत आंदोलन की ‘ताकत’ भी लगातार बढ़ती जा रही है। ठंड और बारिश की परवाह किए बिना हरियाणा, पंजाब, यूपी, राजस्थान समेत अन्य राज्यों से किसानों के जत्थे रसद के साथ लगातार धरनास्थल पर पहुंच रहे हैं। इस बीच किसानों ने एक और बड़ा ऐलान किया है। </p>
<p>किसान नेता दर्शनपाल सिंह ने कहा कि हमने तीन कृषि कानूनों की प्रतियां जलाकर सरकार को संदेश दिया है कि इसी तरह ये बिल एक दिन हमारे गुस्से की भेंट चढ़ेंगे और सरकार को कानून वापस लेने पड़ेंगे। 18 तारीख को महिलाएं पूरे देश में बाजारों में, SDM दफ़्तरों, जिला मुख्यालयों में विरोध प्रदर्शन करेंगी। </p>
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<p dir="ltr" lang="en">#WATCH | Farmers protesting at Singhu Border burn copies of the #FarmLaws#Lohri pic.twitter.com/t6eY6aNLOo</p>
— ANI (@ANI) January 13, 2021</blockquote>
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<p>उधर, इस बीच केंद्रीय कृषि मंत्री परशोत्तम रूपाला ने कहा कि सरकार किसान संगठनों के साथ लगातार बातचीत के पक्ष में है क्‍योंकि उसका मानना है कि मसले का हल बातचीत से ही निकलेगा। </p>
<p>गौरतलब है कि आंदोलनकारी किसान 28 नवंबर से यूपी गेट पर डेरा डाले हुए हैं और 3 दिसंबर से NH-9 के गाजियाबाद-दिल्ली कैरिजवे को भी बंद कर दिया है। इन किसानों की मांग तीनों कृषि कानूनों को रद्द करने और एमएसपी पर कानून बनाए जाने की है। इसके मद्देनजर दिल्ली की सीमाओं पर सुरक्षा बढ़ा दी गई है। सिंघु बॉर्डर पर भारी संख्या में सुरक्षा बलों को तैनात किया गया। सरकार के साथ किसानों की 8 दौर की वार्ता हो चुकी है मगर उसके बाद भी कोई हल नहीं निकला है। किसान किसी भी कीमत पर मानने को तैयार नहीं है।</p>
<p><strong>यह खबर भी पढ़े:</strong> साक्षी महाराज का बड़ा बयान, कहा- कृषि कानूनों के खिलाफ नहीं बल्कि CAA-NRC का दर्द है किसान आंदोलन</p>
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नई दिल्ली। तीनों कृषि कानूनों के खिलाफ किसान आंदोलन का आज 48वां दिन है। किसानों के इस शांत आंदोलन की ‘ताकत’ भी लगातार बढ़ती जा रही है। ठंड और बारिश की परवाह किए बिना हरियाणा, पंजाब, यूपी, राजस्थान समेत अन्य राज्यों से किसानों के जत्थे रसद के साथ लगातार धरनास्थल पर पहुंच रहे हैं। इस बीच किसानों ने एक और बड़ा ऐलान किया है।
किसान नेता दर्शनपाल सिंह ने कहा कि हमने तीन कृषि कानूनों की प्रतियां जलाकर सरकार को संदेश दिया है कि इसी तरह ये बिल एक दिन हमारे गुस्से की भेंट चढ़ेंगे और सरकार को कानून वापस लेने पड़ेंगे। 18 तारीख को महिलाएं पूरे देश में बाजारों में, SDM दफ़्तरों, जिला मुख्यालयों में विरोध प्रदर्शन करेंगी।
उधर, इस बीच केंद्रीय कृषि मंत्री परशोत्तम रूपाला ने कहा कि सरकार किसान संगठनों के साथ लगातार बातचीत के पक्ष में है क्योंकि उसका मानना है कि मसले का हल बातचीत से ही निकलेगा।
गौरतलब है कि आंदोलनकारी किसान 28 नवंबर से यूपी गेट पर डेरा डाले हुए हैं और 3 दिसंबर से NH-9 के गाजियाबाद-दिल्ली कैरिजवे को भी बंद कर दिया है। इन किसानों की मांग तीनों कृषि कानूनों को रद्द करने और एमएसपी पर कानून बनाए जाने की है। इसके मद्देनजर दिल्ली की सीमाओं पर सुरक्षा बढ़ा दी गई है। सिंघु बॉर्डर पर भारी संख्या में सुरक्षा बलों को तैनात किया गया। सरकार के साथ किसानों की 8 दौर की वार्ता हो चुकी है मगर उसके बाद भी कोई हल नहीं निकला है। किसान किसी भी कीमत पर मानने को तैयार नहीं है।
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