<p><img src=*https://www.sanjeevnitoday.com/resources/uploads/NEWALLNEWS/2020/13012021/is-the-crisis-hovering-over-the-alliance-dushyant-chautala-met-pm-modi-amidst-farmer-agitation_431566.jpg* /> <p><strong>नई दिल्ली</strong>। दिल्ली की सीमाओं पर डटे किसानों का असर अब हरियाणा की राजनीति में देखने को मिल रहा है। इस बीच सियासी चहलकदमी का दौर तेज हो चला है। तमाम तरह की कयासों के बीच हरियाणा के उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला ने आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की। इससे पहले मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर और दुष्यंत चौटाला गृहमंत्री अमित शाह से भी मुलाकात कर चुके हैं। </p>
<p>प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और दुष्यंत चौटाला के बीच करीब एक घंटे चली मुलाकात के बाद चौटाला बिना मीडिया से संवाद किए चंडीगढ़ के लिए रवाना हो गए। अनुमान जताया जा रहा है कि इस बैठक में कृषि कानून और किसानों को लेकर चर्चा हुई। इसके अलावा चौटाला ने टेक्सटाइल हब, एयरपोर्ट, ईस्ट वेस्ट कॉरिडोर, रेल मार्गों पर भी बात की। </p>
<p>यह मुलाकात ऐसे वक्त में हो रही है, जब सुप्रीम कोर्ट की दखल के बावजूद कृषि कानूनों के खिलाफ 6 हफ्तों से जारी किसानों का विरोध थमा नहीं है और इसको लेकर हरियाणा में भाजपा-जननायक जनता पार्टी गठबंधन सरकार में दरार पैदा होने की अफवाहें उड़ने लगी हैं। </p>
<p>चौटाला जेजेपी (JJP) के नेता हैं, जिस पार्टी के समर्थन से हरियाणा में मनोहर लाल खट्टर की अगुवाई वाली भारतीय जनता पार्टी (BJP)सरकार सत्ता में है। कहा जा रहा है कि जेजेपी के कई विधायकों पर प्रदर्शनकारी किसानों का भारी दबाव है।</p>
<p>इससे पहले मंगलवार को दुष्यंत चौटाला ने हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर के साथ गृहमंत्री अमित शाह से भी मुलाकात की थी। यह मुलाकात सुप्रीम कोर्ट की ओर से कृषि कानूनों पर रोक लगाने और चार सदस्यीय पैनल गठित करने के फैसले के कुछ ही घंटे बाद हुई थी, जो कि पहले से ही निर्धारित थी। </p>
<p>इस बैठक के बाद खट्टर ने कहा था, 'हरियाणा किसान आंदोलन का केंद्र है, इसलिए हम कानून और व्यवस्था और राज्य की सुरक्षा हालत पर चर्चा करने आए थे।' इस दौरान चौटाला ने कहा, 'हमारी सरकार अपना पूरे पांच साल का कार्यकाल पूरा करेगी। हरियाणा सरकार को कोई खतरा नहीं है।</p>
<p><strong>यह खबर भी पढ़े:</strong> राहुल गांधी ने केंद्र पर फिर साधा निशाना, कहा- 60 से ज़्यादा अन्नदाता की शहादत से शर्मिंदा नहीं हुई मोदी सरकार</p>
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नई दिल्ली। दिल्ली की सीमाओं पर डटे किसानों का असर अब हरियाणा की राजनीति में देखने को मिल रहा है। इस बीच सियासी चहलकदमी का दौर तेज हो चला है। तमाम तरह की कयासों के बीच हरियाणा के उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला ने आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की। इससे पहले मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर और दुष्यंत चौटाला गृहमंत्री अमित शाह से भी मुलाकात कर चुके हैं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और दुष्यंत चौटाला के बीच करीब एक घंटे चली मुलाकात के बाद चौटाला बिना मीडिया से संवाद किए चंडीगढ़ के लिए रवाना हो गए। अनुमान जताया जा रहा है कि इस बैठक में कृषि कानून और किसानों को लेकर चर्चा हुई। इसके अलावा चौटाला ने टेक्सटाइल हब, एयरपोर्ट, ईस्ट वेस्ट कॉरिडोर, रेल मार्गों पर भी बात की।
यह मुलाकात ऐसे वक्त में हो रही है, जब सुप्रीम कोर्ट की दखल के बावजूद कृषि कानूनों के खिलाफ 6 हफ्तों से जारी किसानों का विरोध थमा नहीं है और इसको लेकर हरियाणा में भाजपा-जननायक जनता पार्टी गठबंधन सरकार में दरार पैदा होने की अफवाहें उड़ने लगी हैं।
चौटाला जेजेपी (JJP) के नेता हैं, जिस पार्टी के समर्थन से हरियाणा में मनोहर लाल खट्टर की अगुवाई वाली भारतीय जनता पार्टी (BJP)सरकार सत्ता में है। कहा जा रहा है कि जेजेपी के कई विधायकों पर प्रदर्शनकारी किसानों का भारी दबाव है।
इससे पहले मंगलवार को दुष्यंत चौटाला ने हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर के साथ गृहमंत्री अमित शाह से भी मुलाकात की थी। यह मुलाकात सुप्रीम कोर्ट की ओर से कृषि कानूनों पर रोक लगाने और चार सदस्यीय पैनल गठित करने के फैसले के कुछ ही घंटे बाद हुई थी, जो कि पहले से ही निर्धारित थी।
इस बैठक के बाद खट्टर ने कहा था, 'हरियाणा किसान आंदोलन का केंद्र है, इसलिए हम कानून और व्यवस्था और राज्य की सुरक्षा हालत पर चर्चा करने आए थे।' इस दौरान चौटाला ने कहा, 'हमारी सरकार अपना पूरे पांच साल का कार्यकाल पूरा करेगी। हरियाणा सरकार को कोई खतरा नहीं है।
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