<p><img src=*https://www.sanjeevnitoday.com/resources/uploads/NEWALLNEWS/2020/05122020/kisan-andolan-live-updates--fifth-round-of-talks-at-the-farmers-and-the-center-continues-food-providers-still-did-not-eat-the-governments-food_419842.jpg* /> <p><strong>नई दिल्ली</strong>। केंद्र के कृषि कानूनों के खिलाफ किसान टिकरी बॉर्डर पर 10वें दिन भी जमे हुए हैं। केंद्र सरकार और किसानों के बीच 5वें दौर की बातचीत जारी है। सरकार द्वारा किसानों को बार-बार दी जा रही तारीखों को लेकर अब किसान परेशान हो चुके है। ऐसे में एक प्रदर्शनकारी ने कहा, "सरकार बार-बार तारीख दे रही है, सभी संगठनों ने एकमत से फैसला लिया है कि आज बातचीत का आखिरी दिन है।" </p>
<p>किसानों और केंद्र के बीच 5वें दौर की वार्ता के दौरान किसान प्रतिनिधियों ने आज भी टी ब्रेक के दौरान अपने साथ लाया हुआ भोजन ही खाया। थोड़ी देर पहले एक कार सेवा वाहन भोजन लेकर विज्ञान भवन में पहुंचा था। 3 दिसंबर को हुई चौथे दौर की वार्ता के दौरान भी किसानों ने सरकार की ओर दिया गया भोजन ठुकरा दिया था और अपने साथ लेकर आया खाना खाया था।</p>
<blockquote class="twitter-tweet">
<p dir="ltr" lang="en">Delhi: Farmer leaders, present at the fifth round of talks with the Central Government, have food that they had carried to the venue.<br />
<br />
A Kar Sewa vehicle that carried food for them arrived here earlier today. They'd got their own food even during 4th round of talks on Dec 3. pic.twitter.com/cwRSSDDVZk</p>
— ANI (@ANI) December 5, 2020</blockquote>
<script async src="https://platform.twitter.com/widgets.js" charset="utf-8"></script>
<p>केंद्र सरकार के साथ पांचवें दौर की बातचीत के दौरान किसानों ने कहा कि उन्हें समाधान और वादे की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि वे आगे चर्चा नहीं करना चाहते हैं और यह जानना चाहते हैं कि सरकार ने किसानों की मांग पर क्या निर्णय लिया है। इसके बाद सरकार ने किसानों को बैठक के बिन्दुवार लिखित जवाब दिए और फिर 15 मिनट का ब्रेक लिया।</p>
<p>बता दें कि केंद्र सरकार के साथ चर्चा होने के बावजूद अभी तक कोई सकारात्मक परिणाम सामने नहीं आया है। किसान कृषि कानून वापस लेने की मांग पर अड़े हैं, न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर ठोस भरोसा चाहते हैं। वहीं केंद्र सरकार कानूनों को वापस लेने की बात तो नहीं मान रही है लेकिन किसानों की कुछ ऐसी मांग हैं जिनपर सरकार राजी होती दिख रही है। इस बीच, कांग्रेस नेता अजय कुमार लल्लू गाजीपुर बॉर्डर पहुंचे। यूपी कांग्रेस के अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू किसानों के समर्थन में सुबह गाजीपुर बॉर्डर पर प्रदर्शनकारी किसानों के बीच पहुंचे।</p>
<p><img src="https://www.sanjeevnitoday.com/resources/uploads/NEWALLNEWS/2020/05122020/kisan-andolan-live-updates--fifth-round-of-talks-at-the-farmers-and-the-center-continues-aap-raised-questions-on-the-governments-intention_419825.jpg" /></p>
<p>किसान आंदोलन को विपक्ष का चौतरफा समर्थन मिलने से सरकार के लिए स्थिति विकट हो गई है। लेफ्ट दलों ने किसानों की मांगों को जायज ठहराया है। दूसरी तरफ, केंद्रीय कृषि राज्‍य मंत्री कैलाश चौधरी ने कहा कि आज की मीटिंग में किसानों के संदेहों को दूर किया जाएगा। उन्‍होंने कहा, "यह विपक्ष की राजनीति है। वे प्रदर्शन को और भड़का रहे हैं।' उन्‍होंने उम्‍मीद जताई कि आज दोपहर होने वाली बैठक में कोई न कोई हल निकल आएगा और किसान आंदोलन वापस ले लेंगे।</p>
<p><strong>यह खबर भी पढ़े:</strong> कांग्रेस का हमला, कहा- सिर्फ सड़कों पर किए जाने वाले प्रदर्शनों की भाषा समझती है मोदी सरकार </p>
<p> </p>
</p>
नई दिल्ली। केंद्र के कृषि कानूनों के खिलाफ किसान टिकरी बॉर्डर पर 10वें दिन भी जमे हुए हैं। केंद्र सरकार और किसानों के बीच 5वें दौर की बातचीत जारी है। सरकार द्वारा किसानों को बार-बार दी जा रही तारीखों को लेकर अब किसान परेशान हो चुके है। ऐसे में एक प्रदर्शनकारी ने कहा, "सरकार बार-बार तारीख दे रही है, सभी संगठनों ने एकमत से फैसला लिया है कि आज बातचीत का आखिरी दिन है।"
किसानों और केंद्र के बीच 5वें दौर की वार्ता के दौरान किसान प्रतिनिधियों ने आज भी टी ब्रेक के दौरान अपने साथ लाया हुआ भोजन ही खाया। थोड़ी देर पहले एक कार सेवा वाहन भोजन लेकर विज्ञान भवन में पहुंचा था। 3 दिसंबर को हुई चौथे दौर की वार्ता के दौरान भी किसानों ने सरकार की ओर दिया गया भोजन ठुकरा दिया था और अपने साथ लेकर आया खाना खाया था।
केंद्र सरकार के साथ पांचवें दौर की बातचीत के दौरान किसानों ने कहा कि उन्हें समाधान और वादे की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि वे आगे चर्चा नहीं करना चाहते हैं और यह जानना चाहते हैं कि सरकार ने किसानों की मांग पर क्या निर्णय लिया है। इसके बाद सरकार ने किसानों को बैठक के बिन्दुवार लिखित जवाब दिए और फिर 15 मिनट का ब्रेक लिया।
बता दें कि केंद्र सरकार के साथ चर्चा होने के बावजूद अभी तक कोई सकारात्मक परिणाम सामने नहीं आया है। किसान कृषि कानून वापस लेने की मांग पर अड़े हैं, न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर ठोस भरोसा चाहते हैं। वहीं केंद्र सरकार कानूनों को वापस लेने की बात तो नहीं मान रही है लेकिन किसानों की कुछ ऐसी मांग हैं जिनपर सरकार राजी होती दिख रही है। इस बीच, कांग्रेस नेता अजय कुमार लल्लू गाजीपुर बॉर्डर पहुंचे। यूपी कांग्रेस के अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू किसानों के समर्थन में सुबह गाजीपुर बॉर्डर पर प्रदर्शनकारी किसानों के बीच पहुंचे।

किसान आंदोलन को विपक्ष का चौतरफा समर्थन मिलने से सरकार के लिए स्थिति विकट हो गई है। लेफ्ट दलों ने किसानों की मांगों को जायज ठहराया है। दूसरी तरफ, केंद्रीय कृषि राज्य मंत्री कैलाश चौधरी ने कहा कि आज की मीटिंग में किसानों के संदेहों को दूर किया जाएगा। उन्होंने कहा, "यह विपक्ष की राजनीति है। वे प्रदर्शन को और भड़का रहे हैं।' उन्होंने उम्मीद जताई कि आज दोपहर होने वाली बैठक में कोई न कोई हल निकल आएगा और किसान आंदोलन वापस ले लेंगे।
यह खबर भी पढ़े: कांग्रेस का हमला, कहा- सिर्फ सड़कों पर किए जाने वाले प्रदर्शनों की भाषा समझती है मोदी सरकार