<p><img src=*https://www.sanjeevnitoday.com/resources/uploads/NEWALLNEWS/2020/05122020/china-creates-artificial-sun-on-average-it-can-be-10-times-warmer-than-sun-core_419738.jpg* /> <p style="text-align: justify;"><strong>बीजिंग।</strong> इस दुनिया में अगर हम दिन और रात का फर्क कर पाते हैं तो उसकी सिर्फ एक वजह है सूर्य (सूरज) जो इंसानों को ही नहीं बल्कि पेड़ पौधों को भी जीवित रहने के लिए ऊर्जा देता है, लेकिन क्या आपको पता है चीन के वैज्ञानिकों ने एक कृत्रिम सूर्य का निर्माण कर लिया है। यह सूर्य भी असली सूरज की तरह ही प्रकाशमान होगा।उन्होंने दक्षिण पश्चिमी सिचुआन प्रांत में मौजूद न्यूक्लियर फ्यूजन रिएक्टर का पहली बार संचालन किया है। अपने ऊंचे तापमान की क्षमता के चलते इस रिएक्टर को ‘आर्टिफीशियल सन’ यानी कृत्रिम सूर्य भी कहा जा रहा है।</p>
<p style="text-align: justify;"><img alt="Artificial sun" src="https://www.sanjeevnitoday.com/gallery/180985.jpg" /></p>
<p style="text-align: justify;">सूत्रों के मुताबिक इस बारें में चीनी मीडिया की ओर से शुक्रवार को जानकारी दी गई। जिसमें ये बताया गया कि इस डिवाइस के तैयार होने से चीन के न्यूक्लियर पॉवर शोध में बहुत ही अधिक हेल्प मिलेगी।</p>
<p style="text-align: justify;"><strong>आखिर क्यों पड़ी इसकी जरूरत</strong></p>
<p style="text-align: justify;"> वैज्ञानिकों का दावा है कि यह चीन का सबसे बड़ा और आधुनिक न्यूक्लियर फ्यूजन एक्पेरिमेंटल रिसर्च डिवाइस है। चीन के वैज्ञानिकों ने इस रिएक्टर को HL-2M नाम दिया है।उनका मानना है कि यह डिवाइस स्वच्छ ऊर्जा स्रोत को पूरी तरह खोल सकती है।</p>
<p style="text-align: justify;">चीनी मीडिया के मुताबिक यह डिवाइस गर्म प्लाज्मा को मिलाने के लिए ताकतवर मेग्नेटिक फील्ड का इस्तेमाल करती है और 15 करोड़ डिग्री सेल्सियस तापमान पर पहुंच सकता है। यह सूर्य की कोर से औसतन 10 गुना ज्यादा गर्म हो सकता है।</p>
<p style="text-align: justify;"><img alt="Artificial sun" src="https://www.sanjeevnitoday.com/gallery/180986.jpg" /></p>
<p style="text-align: justify;"><strong>चीन की अर्थव्यवस्था और भी ज्यादा होगी मजबूत</strong></p>
<p style="text-align: justify;">रिपोर्ट में बताया गया है कि चीन ने न्यूक्लियर फ्यूजन एनर्जी का विकास ऊर्जा सम्बन्धी जरूरतों को पूरा करने के लिए किया है। साथ ही इससे चीन की अर्थव्यवस्था को भी काफी मजबूती मिलेगी। वर्ष 2006 से चीन के वैज्ञानिक छोटे न्यूक्लियर फ्यूजन रिएक्टर के विकास पर काम कर रहे हैं। अब चीन इस डिवाइस को अंतरराष्ट्रीय थर्मोन्यूक्लियर एक्पेरिमेंटल रिएक्टर पर काम कर रहे वैज्ञानिकों के साथ मिलकर काम करने की योजना बना रहा है। </p>
<p style="text-align: justify;">उम्मीद की जा रही है कि यह 2025 तक पूरा हो सकता है। बताते चलें कि विश्व का सबसे बड़ा न्यूक्लियर फ्यूजन रिसर्च प्रोजेक्ट फ्रांस में है। चीन के वैज्ञानिकों के इस काम की दुनिया भर में चर्चा हो रही है। दुनिया भर के वैज्ञानिकों की नजरें इस वक्त चीन पर हैं। वहीं चीन के वैज्ञानिक इसे अपने लिए बड़ी सफलता बता रहे हैं।</p>
<p style="text-align: justify;"><strong>यह खबर भी पढ़े:</strong> कृषि आंदोलन: किसानों को अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ियों का मिला साथ, केंद्र सरकार को वापस लौटाएंगे अवॉर्ड और मेडल, आज दिल्ली के लिए होंगे रवाना</p>
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बीजिंग। इस दुनिया में अगर हम दिन और रात का फर्क कर पाते हैं तो उसकी सिर्फ एक वजह है सूर्य (सूरज) जो इंसानों को ही नहीं बल्कि पेड़ पौधों को भी जीवित रहने के लिए ऊर्जा देता है, लेकिन क्या आपको पता है चीन के वैज्ञानिकों ने एक कृत्रिम सूर्य का निर्माण कर लिया है। यह सूर्य भी असली सूरज की तरह ही प्रकाशमान होगा।उन्होंने दक्षिण पश्चिमी सिचुआन प्रांत में मौजूद न्यूक्लियर फ्यूजन रिएक्टर का पहली बार संचालन किया है। अपने ऊंचे तापमान की क्षमता के चलते इस रिएक्टर को ‘आर्टिफीशियल सन’ यानी कृत्रिम सूर्य भी कहा जा रहा है।

सूत्रों के मुताबिक इस बारें में चीनी मीडिया की ओर से शुक्रवार को जानकारी दी गई। जिसमें ये बताया गया कि इस डिवाइस के तैयार होने से चीन के न्यूक्लियर पॉवर शोध में बहुत ही अधिक हेल्प मिलेगी।
आखिर क्यों पड़ी इसकी जरूरत
वैज्ञानिकों का दावा है कि यह चीन का सबसे बड़ा और आधुनिक न्यूक्लियर फ्यूजन एक्पेरिमेंटल रिसर्च डिवाइस है। चीन के वैज्ञानिकों ने इस रिएक्टर को HL-2M नाम दिया है।उनका मानना है कि यह डिवाइस स्वच्छ ऊर्जा स्रोत को पूरी तरह खोल सकती है।
चीनी मीडिया के मुताबिक यह डिवाइस गर्म प्लाज्मा को मिलाने के लिए ताकतवर मेग्नेटिक फील्ड का इस्तेमाल करती है और 15 करोड़ डिग्री सेल्सियस तापमान पर पहुंच सकता है। यह सूर्य की कोर से औसतन 10 गुना ज्यादा गर्म हो सकता है।

चीन की अर्थव्यवस्था और भी ज्यादा होगी मजबूत
रिपोर्ट में बताया गया है कि चीन ने न्यूक्लियर फ्यूजन एनर्जी का विकास ऊर्जा सम्बन्धी जरूरतों को पूरा करने के लिए किया है। साथ ही इससे चीन की अर्थव्यवस्था को भी काफी मजबूती मिलेगी। वर्ष 2006 से चीन के वैज्ञानिक छोटे न्यूक्लियर फ्यूजन रिएक्टर के विकास पर काम कर रहे हैं। अब चीन इस डिवाइस को अंतरराष्ट्रीय थर्मोन्यूक्लियर एक्पेरिमेंटल रिएक्टर पर काम कर रहे वैज्ञानिकों के साथ मिलकर काम करने की योजना बना रहा है।
उम्मीद की जा रही है कि यह 2025 तक पूरा हो सकता है। बताते चलें कि विश्व का सबसे बड़ा न्यूक्लियर फ्यूजन रिसर्च प्रोजेक्ट फ्रांस में है। चीन के वैज्ञानिकों के इस काम की दुनिया भर में चर्चा हो रही है। दुनिया भर के वैज्ञानिकों की नजरें इस वक्त चीन पर हैं। वहीं चीन के वैज्ञानिक इसे अपने लिए बड़ी सफलता बता रहे हैं।
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