<p><img src=*https://www.sanjeevnitoday.com/resources/uploads/NEWALLNEWS/02122019/ayodhya-case-reached-supreme-court-once-again-petition-filed_304915.jpg* /> <p style="text-align: justify;"><strong>नई दिल्ली।</strong> अयोध्या का राम जन्मभूमि बाबरी मस्जिद जमीन विवाद सोमवार को उस वक्त एक बार फिर उच्चतम न्यायालय की दहलीज पर पहुंच गया, जब मुस्लिम पक्ष के मूल याचिकाकर्ता के प्रतिनिधियों ने पुनर्विचार याचिका दायर की।</p>
<p><strong>यह खबर भी पढ़ें: </strong>महिला अत्याचार के प्रति जीरो टॉलरेंस, आईपीसी और सीआरपीसी में संशोधन की तैयारी</p>
<p style="text-align: justify;">अयोध्या मामले में गत नौ नवंबर को शीर्ष अदालत का ऐतिहासिक फैसला आने के करीब तीन हफ्ते बाद जमीयत-उलेमा-ए-हिंद ने पुनर्विचार याचिका दाखिल कर दी।</p>
<p style="text-align: justify;">दो सौ सत्रह पन्नों की इस याचिका में याचिकाकर्ता ने संविधान पीठ के फैसले पर सवाल उठाए हैं। याचिका में मुस्लिम संगठनों का पक्ष दोबारा सुने जाने की मांग की गई है।</p>
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नई दिल्ली। अयोध्या का राम जन्मभूमि बाबरी मस्जिद जमीन विवाद सोमवार को उस वक्त एक बार फिर उच्चतम न्यायालय की दहलीज पर पहुंच गया, जब मुस्लिम पक्ष के मूल याचिकाकर्ता के प्रतिनिधियों ने पुनर्विचार याचिका दायर की।
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अयोध्या मामले में गत नौ नवंबर को शीर्ष अदालत का ऐतिहासिक फैसला आने के करीब तीन हफ्ते बाद जमीयत-उलेमा-ए-हिंद ने पुनर्विचार याचिका दाखिल कर दी।
दो सौ सत्रह पन्नों की इस याचिका में याचिकाकर्ता ने संविधान पीठ के फैसले पर सवाल उठाए हैं। याचिका में मुस्लिम संगठनों का पक्ष दोबारा सुने जाने की मांग की गई है।